Crime Patrol |Crime story In Hindi

Crime Patrol |Crime story In Hindi
Crime Story in Hindi - सरकारी विद्यालयों में टीचर बनने से पहले चाहे वह शिक्षक हो या शिक्षिका हो उनको एक ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग दी जाती है। ऐसे ही एक ट्रेनिंग स्कूल के जो वाइस प्रिंसिपल होते हैं। उप प्राचार्य होते हैं ।उनकी बहुत ही भद्दे और गंदी आदत हुआ करती थी, दरअसल वो किसी भी महिला टीचर के पास जाते थे। जो उन्हे खासकर अच्छी लगती थी, उनके पास जाकर सबसे पहले उनके कपड़ों की तारीफ किया करते थे, कहते थे कि तुम्हारे कपड़े बहुत अच्छे लग रहे हैं। जब लडकी इस बात पर कोई रिएक्ट नहीं करती थी। तो उसके पास जाकर उसके बारे में बात करते थे। कि तुमने अपने कपड़े ऐसे पहने हैं, तो मैं कपडे ऐसे पहनने चाहिए, जिससे शरीर के अलग अलग जो उभार हैं। वह बिल्कुल साफ दिखने चाहिए इस तरह की बातें करके उसे उप प्राचार्य को कुछ अच्छा लगता था, और ये जो टीचरः होती थी जो भविष्य की टीचर होने होने वाली थी वह इस प्रिंसिपल का कभी विरोध नहीं कर पाती थी।


 सालों साल तक लगातार ऐसे ही चलता चला जाता है , टीचरों की ट्रेनिंग होती रहती है, टीचर आती रहती हैं, जाती रहती हैं। लेकिन वह वाइस प्रिंसिपल ऐसे ही भद्दी भद्दी और गंदी गंदी बातें किया करता था। जब वह वाइस प्रिंसिपल जो उप प्राचार्य रिटायर हो जाता है। तब जाकर छात्राओं को या कहें कि भविष्य की शिक्षिकाओं को या कहें कि प्रशिक्षणार्थियों को तब जाकर कहीं राहत मिलती है। 

 Crime Story in Hindi - आज की कहानी आपको सुनाने जा रहा हू, इस कहानी में इससे भी भयानक इससे भी भद्दा होता है। जिसको सोचने के बाद आप भी मजबूर हो जाएंगे ,चिट्ठी नहीं लिखी जाती तो ऐसे ही लडकियां का पता नहीं कब तक सोशल सहन करती रहती हैं कब तक उनके साथ भद्दी भद्दी गंदी गंदी बातें होती चली जाती आदाब नमस्कार सत श्री अकाल में उस्मान सैफी आज की जो सच्ची घटना में आपको सोने जा रहा हूं। कि सच्ची घटना है हरियाणा प्रदेश का एक जिला है, जीन्द और इसी का एक इलाका लगता है, उचाना बात कर रहा हूँ , एक सरकारी गर्ल्स स्कूल की दरअसल एक छात्रा जिसको एक टीचर कहती है, कि तुम्हें प्रिंसिपल साहब ने बुलाया है ,अपने ही कक्ष में अपने ही कार्यालय में जैसे ही वो लड़की सुनती हैं। , थोड़ी सी परेशान सी हुई क्योंकि प्रिंसिपल साहब के सामने जाना स्वयं में , आज भी दम नहीं होता है ,वह लडकी सीधा प्रिंसिपल साहब के कमरे में जाती है, और कमरे में खोलने से पहले ही दरवाजे कहती है, मैं कमिंग तो वह कहते हैं,

 कि ठीक है अंदर आ जाइए प्रिंसिपल के सामने जाकर खड़ी होती तो कहते हैं, कि अभी सामने नहीं तुम्हें मेरे कोई बराबर में आना चाहिए जहां पर प्रिंसिपल साहब की कुर्सी पढ़े हुए अपने ही कुर्सी पर उस लड़की को बिल्कुल बराबर में खड़ा कर लिया , और खड़ा करने के बाद बातचीत करते हैं, उस लड़की का हाथ पकड़ लिया हाथ पकड़ने के बाद उसे वैसे ही बातचीत करते रहे और बातचीत करने के दौरान ही उसके प्राइवेट पार्ट्स पर उन्होंने हाथ डाल दिया यही नहीं उसके और भी सीने पर हाथ डाला है। लड़की ने कहा कि सर ये मेरे साथ आप क्यों कर रहे हैं। तो उन्होंने कहा कि प्रिंसिपल साहब कहते हैं। कि जैसा मैं कर रहा हूँ, वैसे ही चुपचाप सहन करती चली जाओ यदि किसी भी तरह की आवाज निकालने की कोशिश की, यदि किसी भी तरह का विरोध करने की कोशिश की तो तुम्हें न केवल में फेल करूंगा तुम्हारे प्रैक्टिकल में फेल करूंगा बल्कि तुम्हारे माँ बाप को यह जाकर शिकायत करूंगा कि तुम लड़कों के साथ घूमती हो और तुम्हारी पढ़ाई हमेशा हमेशा के लिए बंद हो जाएगी उस लड़की ने सहन किया और सहन करने के बाद मौका पाते ही वहां से हो कमरे से निकल आती हैं, और जो उसने अपनी आंखों से देखा तो प्रिंसिपल का दरवाजा है, अंदर घुसने का कक्ष की तरफ वह शीशे का बना हुआ है, अंदर से देखते हैं, तो बाहर का बिल्कुल साफ दिखाई देता है, लेकिन बाहर से जब अंदर की तरफ देखते हैं, तो बाहर से अंदर की तरह साफ दिखाई नहीं देता वो लडकी परेशान हाल सीधा अपने इस प्रिंसपल करीब कक्ष से बाहर निकलती है। बाहर निकलने बाद अपनी सहेली के पास जाती हैं।और सहेली के पास जाकर रोने लगती हैं , बातचीत करने लगती है, जैसे ही सहेली से रो रही थी बातचीत कर रही थी। सहेली ने कहा क्या हुआ क्या प्रिंसिपल साहब ने तुम्हारे साथ भी कोई गलत हरकत की है। तो उस लड़की को बड़ा ताज्जुब हुआ क्योंकि उसे लग रहा था, कि यह शायद पहली बार उसके साथ हुआ है।

 लेकिन जब उसकी सहेली ने कहा कि ऐसा उसके साथ भी हो चुका है। तभी इन दोनों ने मिलकर एक प्लान बनाया बोले कि यदि यह ऐसा ही होता रहा तो बहुत गलत हो जायेगा इसको किसी भी हरकत से रोका क्यों न जाए। रोकने के लिए लगातार प्लान कर रहे थे। अगस्त के , अगस्त 2019 में उस लड़की के साथ यह वारदात होती है। और दोनों लड़कियों ने दोनों सहेलियों ने मिलकर तमाम तरह की कोशिश की बहुत सारी बार सोचा कैसे करें? कैसे करें? उन्हें डर लग रहा था। देंगे उन दोनों का नाम सामने आ गया तो स्कूल से नाम कट जायेगा उनकी पढ़ाई हमेशा हमेशा के लिए बंद हो जाएगी। Crime Story in hindi जब दोनों सहेलियों ने बहुत सारी प्लानिंग करने के वारे मैं सोचा कि यह काम करते हैं? एक पत्र लिखा जाए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ,एक पत्र लिखा जाए राष्ट्रपति के नाम ,एक पत्र लिखा जाए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया , वाई डी वाई चंद्रचूड़ के नाम तो इसी तरह से उन्होंने सोचते रहें और सोचते सोचते पाँच पेज का एक पत्र लिख डाला और पत्र में जो लिखा था। वह अपना अपने बड़ा भयानक होता है, दरअसल उस पत्र में उन्होंने न केवल प्रधानमंत्री राष्ट्रपति सीजीआई राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय राज्य महिला आयोग, दिल्ली महिला आयोग , इस तरह के अलग अलग दिन को अलग अलग संस्थानों को उन्होंने पत्र लिखा और इकतीस अगस्त 2023 को यह पत्र जब पोस्ट कर दिया गया । सीधे सीधे सब संबंधित दफ्तरों में पहुंचने लगा तो ज्यादातर दफ्तरों ,कहीं ना कहीं वह चुप हो गए शांत हो गए शायद यह पत्र कभी सामने नहीं आया लेकिन जो राष्ट्रीय महिला आयोग के लिए जो पत्र लिखा गया था। वह पत्र न केवल अब उस ऑफिस में था बल्कि पत्र वायरल हो जाता है। जबकि पत्र की यही शर्त थी कि इस पत्र को छुपाकर रख लिया जाए यदि यह पत्र सामने आता है। हर एक क्लास में जाएंगे टीचर और क्लास जाने के बाद हमारी कॉपियों को निकालेंगे कॉपी निकालने के बाद हमारी राइटिंग चैक करेंगे ।

 कहीं ऐसा न हो हमारी राइटिंग अगर में मैच कर गई तो हमारी पढ़ाई पूरी तरह से बाधित हो जाएगी। लेकिन इसका भी ख्याल रखा गया और फिर इस मामले की जांच पड़ताल शुरू होती है। जैसे यह वायरल होता है, वैसे ही लोगों की सांसें रुक जाती हैं। यूं कहें कि उन लड़कियों ने यह भी शर्त रखी थी। कि इस जब कोई जांच अधिकारी आते हैं। बच्चों के द्वारा कंडीशन रखी जाती है। जांचा अधिकारी इस जिले के तो बिलकुल भी नहीं होने चाहिए। या तो दिल्ली के होने चाहिए या चंडीगढ़ के होनी चाहिए या कहीं बाहर के होने चाहिए स्कूल में जो लडकियों से आखिरी में जाकर बातचीत करोगे तो बातचीत करने के बाद ज्यादातर लड़कियां यह बात कहने के लिए तैयार हो जाएंगी कि उनके साथ कुछ न कुछ गलत हुआ है। अब उस लेटर के आधार पर शुरुआत में तो लेटर को बहुत ही शिथिलता से लेने की कोशिश कर रहे थे। उसे प्रिंसिपल की अच्छे लोगों में पहुंच होती है प्रिंसिपल का नाम करतार सिंह होता है। अब करतार सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई न हो इस तरह की कोशिश की गई लेकिन फिर लगा कि बहन बेटियां स्कूल में जाते हैं। किसी की बहन और सकती है। किसी की बेटी हो सकती है। ऐसा कैसे हो सकता है।

 जब इस मामले की जांच होती है। तो चिट्ठी सामने अपनी आती है, चिट्ठी में पहले लिखा था कि सबसे पहली बात की जो भी लड़की विद्यालय की जो पसंद आया करती थी। उस लडकी तक मैसेज जाया करता था। और मैसेज जाने के बाद उसे कहा जाता था । कि प्रिंसिपल मैं अपने कमरे में बुलाया वहां जाने के बाद लड़की से बातचीत के सिलसिले में साथ साथ उसके शरीर के अलग हिस्सों में हाथ डाले डाल दिया करते थे। यदि लडकी विरोध कर रही है, तो उसके साथ ज्यादा वैसी बात नहीं होती थी लेकिन लडकी विरोध का दर्जा करती थी, कभी फेल होने के डर से यदि प्रैक्टिकल नंबर कम आने की वजह से तब उस लड़की की ,सलवार में हाथ डाले चाहे वह उसके कुर्ती में हाथ डाले वह यहां इस हद तक भी मतलब चला जाया करता था। यदि इसी बीच में कोई बाहर से आदमी आया करता था ।तो फिर ऐसी स्थिति में क्योंकि बाहर का साफ दिखाई देता है, बाहर से अंदर का नहीं दिखाई दिया करता था। तब से नोर्मल बातें करना शुरू कर दिया करता था।

 अब ऐसे ही कर तरह यदि किसी ने विरोध किया तो विरोध करने के बाद उसके साथ होता क्या था, कि में फेल कर दिया जाएगा इस तरह की बातें होती थी। लेकिन इस काम में उस प्रिंसिपल की हेल्प करती थी। एक लेक्चरार जो के History की Lecture होती थी। वही ज्यादातर लड़कियों को किसी भी लड़की पर हाथ डालते थे। किसी लड़की को देखता था। जो अच्छी लगती थी। सुंदर लगते थे। उस लड़की को देखने के बाद History टीचर से कहती थी, हिस्ट्री की Lecture जाकर उस लड़की से कहती थी, कि तुम्हें प्रिंसिपल साहब ने याद के हैं, उनसे बातचीत करना चाहते हैं, अब यह भी दावा किया गया है। उस पत्र के अंदर जो पांच पन्नों का पात्र है, प्रिंसिपल और History Lecture के आपस में अनैतिक संबंध है। वह गलत काम उसी कमरे के अंदर करते हैं। और कोई बाहर से आता है। 

तो आराम से देख लेते हैं, और ऐसे करते करते एक लडकी ने तो शर्म की वजह से स्कूल छोड़ दिया था। क्योंकि उस लड़की का नाम उस प्रिंसिपल इतना बदनाम कर दिया था। बदनाम करने की वजह से वो लड़की स्कूल छोड़कर चली जाती है। यह भी दावा किया जाता है, कि उसने अपनी जीवन लीला हमेशा हमेशा के लिए समाप्त कर ली, खत्म कर ली अब लेटर को गंभीरता से लिया गया, इसके बाद टीम में स्कूल में जाती है इसको जाने के बाद अलग अलग तरीके से जांच पड़ताल कर रहे थे तो तीन सौ नब्बे लडकियों से पूछताछ की जाती है तीन सौ नब्बे लडकियों से अलग अलग करके बातचीत कर रहे थे।

 तुम्हारे साथ गलत हरकत नहीं हुई है, कुछ बात तो नहीं हुई है, तो उसमें सिर्फ पचास लड़कियों ने नहीं साथ लड़कियों ने यह स्वीकार कर लिया कि उन्हें हमारे साथ गलत हरकत की है। हमें गंदी नजरों से देखा है। हमसे गंदी बातें की हैं। हमारे शरीर के अलग अलग हिस्सों को छूने की कोशिश की है। जब साथ लड़कियों ने यह बात कही तब जो प्रशासन जहां जहां उच्च अधिकारियों तक बाद पहुंचती है। वहां वहां तक हड़कंप मच जाता है। उसके बाद फिर दुबारा से कोशिश की जाती है। स्कूल के अंदर कुछ ऐसी पेटियां रखी जाती हैं। जहां पर लडकी स्वेच्छा से जाकर अपना कोई पत्र लिख सकती है। अपनी बात रख सकती हैं, कि यहाँ मेरे साथ ऐसा हुआ नहीं हुआ है। प्रिंसिपल ने हमारे साथ गंदी हरकत की हैं। हमारे साथ बुरा क्या है। अब इस मामले की जांच देखने लगते हैं 

हिसार मंडल के एडीजीपी होते हैं। श्रीकांत जाधव साथ ही जो डिप्टी कमिश्नर जींद होते हैं। इनका नाम इमरान रजा होता है। वह इस मामले की जांच करते हैं। एसआईटी का गठन होता है। साथ ही डीएसपी ,एसएचओ महिला थाना की होती हैं। एसएचओ उचाना के होते हैं। वो फिर इस मामले की अपने स्तर से जांच करते हैं। शुरुआत में हाथ डालने में थोड़ा झिझक हो रही थी । परेशानी हो रही थी लेकिन अभी नवंबर 2023 के अंतिम सप्ताह में ही उस पर प्रिंसीपल को न केवल गिरफ्तार किया बल्कि से खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज पॉक्सो एक्ट लगा। एससी एसटी एक्ट भी लगाया गया छेड़छाड़ की धाराएं भी लगी लेकिन जिस तरह से जब पुलिस ने पुलिस ने एसआईटी ने उच्च अधिकारी ने अपनी जांच अभी जारी है। और जांच के बाद ही हालांकि पूरी तरह से मामला क्लियर हो सकेगा कि वह कितना भयानक कितना गंदा इंसान था जो लडकियों के साथ गंदी हरकत कर रहा था । भी माँ बाप अपने बच्चों को जब अपने घर पर छोड़कर जाता है तो बार बार आसपास के लोगों से फोन करके पूछता है वीमन घर पर भी अगर फोन नंबर होता है तो पूछा जाता है|


 कि बेटा तुमने खाना खाया नहीं खाया कोई घर पर आया तो नहीं था किसी ने दरवाजा खटखटाया तो नहीं था लेकिन एक ही महज एक ऐसी जगह होती है स्कूल विद्यालय जहां पर मां बाप अपने बच्चों को भेजकर पूरी तरह से निश्चल हो जाते हैं कि हां बच्चा हंड्रेड परसेंट से है सुरक्षित है वहां पर किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं लेकिन जींद के जिस तरह से सरकारी राजकीय विद्यालय में जिस तरह से गर्ल्स कॉलेज सिंह विद्यालय के अंदर लडकियों के साथ पिछले छह साल से लगातार ऐसे ही गंदा घिनौना कृत्य हो रहा था तो आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि छह साल में कई लड़कियां ऐसी होंगे जो पावस आउट हो गए यहां से चले गये होंगे कितनी लड़कियां ऐसी होंगी जिनके साथ उस प्रिंसिपल ने यौन शोषण भी क्या होगा दोस्तों इस पूरे घटनाक्रम को संवारने का उद्देश्य किसी को परेशान करना नहीं है किसी का दिल दुखाना नहीं हैं तो क्या को जागरूक करना है आपको सचेत करना है|

 आपको बताना है कि जिस तरह से दो सहेलियों ने हिम्मत करके पांच पन्नों का पत्र लिखा राज पति उपराष्ट्रपति या फिर कई कई अन्य संस्थाओं को राज्य महिला आयोग राष्ट्रीय महिला आयोग दिल्ली महिला आयोग को तो इसी तरह से हिम्मत जुटाई और न केवल उन्हें अपनी जिंदगी को बचाया बल्कि नजर आने वाले भविष्य में कितनी ऐसी लड़कियों के साथ होने वाले यौन शोषण से उन्हें राहत दिलाई बचाया फिलहाल पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। आप सब लोग अपना खयाल रखें सुरक्षित रहें जय हिंद जय भारत

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