Crime Patrol, Crime Story In Hindi |Crime Patrol 100

 

Crime Patrol, Crime Story In Hindi |Crime Patrol 100

Crime Patrol, Crime Story In Hindi |Crime Patrol 100

Crime patrol ,Crime Story in Hindi -जब कोई व्यक्ति अपने घर से बाहर निकलता है, कुछ कमाने के लिए अपना धंधा करने के लिए तब अनजाने शहर में अनजानी जगहों पर कुछ अनजाने लोग मिल जाते हैं, और उनसे कई ऐसे रिश्ते बन जाते हैं। कभी दोस्ती का रिश्ता ,कभी भाई बहन का रिश्ता तो कभी , पिता का रिश्ता जब ऐसे रिश्ते बन जाते हैं.


 तो लोग अपने लगने लगते हैं। भले ही चाहे वह कितने बुरे हों चाहे वह कैसे भी हो वह बुरे लोग भी कई बार बहुत अच्छे लगने लगते हैं।

Introduction

 आज की कहानी जो मैं आपको सुनाने जा रहा हूँ। इस कहानी में कुछ ऐसा ही होता है।

एक अनजान चेहरे से पहले नजदीकियां बढ़ती है। फेक रिश्ता बनता है। भाई और बहन का वो भी मुंह बोली बहन, एक ऐसा रिश्ता जिस पर हम सबसे ज्यादा विश्वास कर सकते हैं। सबसे ज्यादा यकीन कर सकते हैं। लेकिन किसी ने सोचा नहीं था, उसने एक नहीं दो नहीं बल्कि तीन कत्ल करता है। और वह भी अपने दोस्तों के साथ में ,सामूहिक बलात्कार करता है।


 इस घटना से न केवल उस इलाके में बल्कि जहां जहां तक की खबर जाती है। वहां वहां तक लोग हिल जाते हैं। सोचने पर मजबूर हो जाते हैं। कि कोई इंसान इस हद तक कैसे जा सकता है? मामला जब अदालत तक पहुंचता है। तो अदालत इन आरोपियों को सजा ए मौत का हुक्म देती हैं।


साथ ही कहती हैं. कि जब तक क्या इनकी प्राण निकल जाएं तब तक इन्हें फांसी के फंदे पर लटकाकर रखा जाए।


Crime Story In Hindi -आदाब नमस्कार सत श्री अकाल में आज की जो सच्ची घटना में आपको सुनाने जा रहा हूँ। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के पश्चिम इलाके की दरअसल दिल्ली पश्चिम का एक इलाका है। 

एक मोहल्ला लगता है। रघुवीर नगर दरअसल एक रघुवीर नगर की कालोनी के अंदर एक मकान के अंदर कई लोग थे।


जो यहां पर रहते थे एक व्यक्ति जो फेरी लगाकर अपने घर वापिस आता था। बात कर रहा हूँ। इक्कीस सितंबर दो हज़ार पंद्रह की सुबह लगभग साढ़े छह बजे के आसपास जब अपना काम करके सुबह सुबह अपने घर वापिस पहुंचता है। जैसे ही उसने दरवाजा खोलने की कोशिश की तो दरवाजा खुला हुआ था। और धक्का लगा।


दरवाजा आसानी से खुल जाता है। अपनी आंखों के सामने जो देख रहा था। उसे देखकर उसकी दुनिया पूरी तरह से हिल चुकी थी।


पत्नी दिखाई देती है। लेकिन वह खून से बहुत बुरी तरह से लथपथ थी नहाई हुई थी।

पास में ही उसका एक बेटा जिसकी उम्र छः साल के आसपास होती है। एक बेटी जिसकी उम्र लगभग सात साल के आसपास होती है। उनके पास जाकर देखता है। गला में रुमाल से बंधा हुआ था।


 एक गले में दुपट्टा बंधा हुआ था। तीनों की सांसें पूरी तरह से थम चुकी थी। जब वह और अंदर जाता है। अंदर जाने के बाद देखता है। उसके तीन बच्चे हैं।


 

वह एक बच्चा लगभग ढाई साल का होता है। एक बच्चा लगभग चार साल का होता है। उन्हें इस बारे में कुछ नहीं पता था। कि यहां पर कुछ हुआ है। यह नहीं हुआ है।


जैसे ही वह व्यक्ति अपने परिवार के इन दशा को इस दृश्य को देखता है। तो उसकी चीखें निकल जाती हैं। वह रोने लगता है। जोर जोर से उसकी चीख को सुनकर आसपास के लिए फ्लैट के कमरे में रहने वाले लोग थे।


 वह भी दोड़कर आते हैं। उन्होंने जो दृश्य अपनी आंखों से देखा तो वह महिला जो उसकी पत्नी है। वह अर्धनग्न अवस्था में पड़ी हुई थी। उसकी टांगे बैड से बंधी

हुई थी। 


देखकर साफ प्रतीत हो रहा था। जैसे इनके साथ गंदा घिनौना कृत्य हुआ है। नजदीकी पुलिस स्टेशन को यह सूचना दी जाती है। पुलिस जब मौके पर पहुंचती है। तो एक साथ ही घर से तीन लाशें निकाली जाती हैं।


यह दृश्य जब लोगों ने टीवी पर अखबारों में सोशल मीडिया के माध्यम से देखा तो यही कहा कि दिल्ली भी अब सुरक्षित नहीं हैं।


Crime patrol Story in Hindi


साल 2015 की इस घटना ने पूरी दिल्ली को झकझोर कर दिया था। अब इस मामले में तीनों का पोस्टमार्टम से पता चलता है। कि बेटा और बेटी की गला दबाकर हत्या की गई है।  कोई निशान नहीं होता है। 


जबकि जो पत्नी होती है। उसने संघर्ष भी किया था। उसने बचने की कोशिश भी की थी। ऐसा लग रहा था।


 कि कई लोगों ने मिलकर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया है। बस इस घटना ने जब लोगों को हिलाना शुरू किया है। तब पता चलता है। 


जब हस्बैंड पुलिस से शिकायत करते हुए कहता है। साहब में उत्तर प्रदेश के जिला कासगंज का रहने वाला हूँ। वहां पर रघुबीर नगर में किराए के मकान में रहता था। मुझे हर सप्ताह शनिवार को जाना होता था।


 जयपुर में क्योंकि अगले दिन मुझे Sunday बाजार में शामिल होना पड़ता था। तथा रात भर का सफर करने के बाद उसके बाद सुबह मैं अपने घर पहुंचता था। लंबे समय से ऐसे चल रहा है।

बस यही चला था। उसे नहीं पता था। कि उसकी दुनिया पूरी तरह से गुजर जायेगी। अब उसके तीन बच्चों की कैसे परवरिश होगी? समझ नहीं पा रहा था रो रोकर उसका बुरा हाल हो जाता है।


 अब करें तो क्या करें? पुलिस भी अपने हिसाब से जांच करती है। और पुलिस जांच करने के साथ साथ ही उससे कहती हैं। कि तुम्हें भी कुछ अगर किसी पर शक है तो तुम भी आकर बता सकते हो तभी एक बच्चा जिसकी वह सात आठ साल के आसपास होती है।


 वह बच्चा खेल रहा था। उस बच्चे से पूछता है। क्या तुमने कुछ देखा , किरायेदार का बेटा होता है । रोते से पूछता तो सब कहता कि हां अंकल मैंने किसी को अंदर जाते हुए देखा


 20 सितंबर की रात लगभग 9.45 pm  के आसपास कुछ लोगों को एक लडके साथ देखा था। और उस लड़के का नाम होता है। मोहम्मद अकरम अली, 



मोहम्मद अकरम अली का नाम सुनने के बाद उस व्यक्ति की खुद सांस अटक जाती है, बह सोचने पर मजबूर हो जाता है। कि वह अकरम अली तो मेरी बीवी को अपने बहन बोलता था। उसे इतना ख्याल रखते थे।

ऐसा कैसे कर सकता है?



तुरंत ही वह उसके पास जाता है। उससे बातचीत करने की कोशिश करता है। तो पता चलता है। कि वह तो यहां से भाग चुका है। गायब हो चुका है। तभी पुलिस के पास जाता है। पुलिस जाकर कहता है। कि मोहम्मद अकरम अली पर मुझे शक है। हो सकता है। कि उसने कुछ किया हो, पुलिस ने उसकी धरपकड करनी शुरू कर दी।आखिरकार वड़ी मशक्कत के बाद कई दिन बीतने के बाद मोहम्मद अकरम अली पकड़ा जाता है।


कातिल और बलात्कारी निकाला भाई

 पकड़े जाने के बाद उसने जो खुलासा किया जो सच बताया वाकई चौंकाने वाला था। मीडिया रिपोर्ट्स यह कहती है। कि अकरम अली रात को अपने और तीन साथियों के साथ एक का नाम होता है, शाहिद, एक नाम होता है। रफत अली, और एक नाबालिग बालक होता है। उनके चार लोग घर के अंदर जाते हैं। दरवाजा 


जैसे खुलवाया जाता है। तो अंदर से आवाज आती है। कौन? वह कहता कि मैं तुम्हारा भाई रफत हूँ। रफत, मैं तुम्हारा भाई अकरम इस तरह से भाई के नाम भी आता है। तो बहन को कोई दिक्कत नहीं थी। क्योंकि वह पहली बार नहीं था। जो घर की दहलीज के अंदर कदम रख रहा था। वह जैसे ही अंदर आता है। बच्चे सोये हुए थे। और बच्चे जब सो रहे थे। इसी बीच में घर आने के बाद


उस महिला को वो अपने कब्जे में ले लेते हैं। उसके हाथ पैर बांध लेते हैं। और देखते देखते उनका मकसद था । इस घर में डकैती डालना इस घर में जो पैसे थे। उसको लोटना लेकिन पैसे मिलते हैं। 18500 उस महिला ने जो जेवरात पहने हुए थे।


 जो थोड़ी बहुत ज्वेलरी थी। लाख पचास हजार रुपए के आसपास की उसको भी कब्जे में ले लेते हैं। तभी इनकी नीयत खराब हो जाती है। क्योंकि वह महिला देखने में बहुत ज्यादा सुंदर थी। इस महिला के हाथ पैर बांधे जाते हैं। वह चारों मिलकर उसके बारी बारी से उसके साथ गैंगरेप करते हैं। बलात्कार करते हैं। तब तक करते हैं। जब तक तक मर नहीं जाती,


 इसी बीच में जो छः साल का बच्चा होता है। वह अपनी मां के साथ हो रही इस गंदी हरकत को देख लेता है। और उन्हीं में से किसी ने देखा कि यह बच्चा तो पहचान लेगा


 ये अपने बाप को बता देगा या फिर यह बात पुलिस तक पहुंच जाएगी। तभी इस बच्ची का गला दबाकर उसकी हत्या कर देते हैं। इसके बाद दूसरा बालक होता है। वह भी बेटी भी जाग जाती है।


 और जैसी बेटी जाती है वह भी अपनी मां को ऐसी हालत में देख रही थी। जिसने उसने कभी नहीं देखा कभी सोचा नहीं कि जो उसका मामा लगता है। जो उसका मुंह बोला मामा हैं। वह उसके साथ ऐसी हरकत कैसे कर रहा है। तभी उन्होंने उस बेटी को भी पकड़ा उसका गला दबाया और उसकी भी हत्या कर दी।


अब लग रहा था कि बात खुल जायेगी इसलिए वहीं पास में एक पेचकस पड़ा हुआ था। 


उस पेचकस से उसने घाव किए जाते हैं। इतना मारा जाता है। जब तक के उस महिला के प्राण नहीं निकल जाते हैं। जब तक कि वह महिला मर नहीं जाती तब तक बो उसको मारते रहते हैं। आखिरकार उस महिला ने दम तोड़ दिया।


 यहां से यह सामान समेटने के बाद चुपचाप अपने कमरे में आते हैं।


 लेकिन जैसे दिन.निकलता है। उसका पति आता है। पति अपनी बीवी को इस हालत में देखता है। तो उसके होश फाख्ता हो जाते हैं। वह सोचने पर मजबूर हो जाता है कि आखिरकार ये क्या हो गया।


मामला पुलिस तक पहुंचता है। पुलिस ने इस मामले में आरोपी गिरफ्तार किए जाते हैं। नाबालिग को उसको बच्चों वाली जेल भेजा जाता है। साथ ही जो बड़े होते हैं। उनको बड़े भी जेल में इसमें लगभग आठ साल में एक सौ पचास बार तारीखें पड़ती है। लेकिन वह मजदूर आदमी मजदूरी करता था।


 कर्ज करता था उसने कसम खाई थी कि वह अपनी बीवी के हत्यारों से.हाल में हर कीमत पर बदला लेगा जो लोग महिलाओं की इज्जत करते हैं। वही समझ सकते हैं। कि आखिर कार  पत्नी का क्या मोल होता है। या महिलाओं का क्या मोल होता है।


निष्कर्ष 

दोस्तों निष्कर्ष यह निकलता है, तीनों लोगों को फांसी की सजा सुनाई जाती है और जस्ट आप कहते हैं कि उन्हें जल्द से जल्द फांसी पर लगाया जाए और तब तक लगता है जाए जब तक कि उनके प्राण न निकलने में


दोस्तों इस पूरे घटना क्रम को सोने का उद्देश्य किसी को परेशान करना नहीं है। किसी का दिल दुखाना नहीं हैं। बल्कि आपको जागरूक करना है। आपको सचेत करना है। 


 कुछ ऐसे रिश्ते बन जाते हैं। उन पर भी आंख मूंदकर विश्वास न करें कहीं ना कहीं एक शक की गुंजाइश जरूर रखें इस महिला से थोड़ी सी गलती यह हुई है। कि रात के साढ़े नौ या दस बजे के आसपास का जब वक्त हो चला था। घर में उसका पति भी नहीं था। तीन चार लोग एकदम अचानक घर के अंदर घुस आते हैं।


दरवाजा खोलना नहीं चाहिए था। दोस्तों आज की कहानी में बस इतना ही खुश रहना मस्त रहें सचेत रहें फिर मिलते हैं एक नई कहानी के साथ जय हिंद जय भारत

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.