Real Crime story |Crime story in Hindi |Crime Patrol

 

Real Crime story |Crime story in Hindi |Crime Patrol


Real Crime story |Crime story in Hindi |Crime Patrol

CRIME STORY IN HINDI , Introduction-एक पत्रकार ने एक बेहद खूबसूरत लड़की से सवाल पूछा कि तुम्हारी ख्वाहिश क्या है? तुम चाहती क्या हो ? तभी वह लडकी उस पत्रकार की तरफ टकटकी बाँधे देखती रही देखते देखते फिर उसी पत्रकार ने कहा कि तुम चाहते क्या हो? तुम्हारी ख्वाहिश क्या है? तो लड़की उसकी आंखों में आंसू आ चुके थे।


 अब आंसू गिरे लगे थे। आंसू गिरते- गिरते उस लड़की ने कहा कि मैं अपनी माँ से लिपट कर चिपटकर बहुत जोर जोर से रोना चाहती हूँ। इतनी जोर से कि मेरे अंदर की दुख है। तकलीफ है। दर्द है, वह आंसुओं के सहारे सब बाहर निकल जाए। मैं अपनी माँ से कहूंगी कि माँ आज तुम अपने हाथों का मनपसंद खाना मुझे बनाकर खिलाओ, 



साथ ही मैं चाहती हूं। जैसे तुम जो बचपन में खाना खिलाया करती थी। ठीक आज वैसे ही खाना खिलाओ बस इतना कहा था। उस पत्रकार से बातचीत करते करते , वह फूट फूटकर रोने लगती है। दरअसल वो पत्रकार चाहकर भी उस लड़की को उसके घर उसकी मां के पास नहीं भिजवा सकता क्योंकि उस लडकी के साथ जो हुआ है। वाकई बहुत भयानक था। बहुत परेशान करने वाला था।


 आज कहानी उसी विदेशी लड़की की जिस लड़की के साथ न केवल वो अकेली थी। बल्कि दस और लडकियां पकड़ी जाती हैं। और हर लड़की की कहानी अपने आप में बहुत ही भयानक खौफनाक कहानी होती है।


Crime Story In Hindi आदाब नमस्कार सत श्री अकाल  आज की जो सच्ची घटना में आपको सुनाने जा रहा हूँ। सच्ची घटना है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की दरअसल कहानी शुरू होती है। दुबई और दूसरा एक देश है।


किसान जो कि भारत यानी की नई दिल्ली से लगभग ढाई हजार किलोमीटर एक शहर है। उज्बेकिस्तान में इसका नाम है। अफरोज दरअसल एक काल्पनिक नाम है। इसको काल्पनिक नाम दिया गया है। लडकी असली है। उसके हम पहचान उजागर नहीं कर सकते उस लड़की ने नया नया मोबाइल खरीदा था



और मोबाइल खरीदने के बाद उसने अपना इंस्टाग्राम पर एक अकाउंट बना  था।

और उसने अपना एक फोटोग्राफी लगाया हुआ था।अपनी प्रोफाइल पर ऐसा उसका प्रोफाइल था। बेहद खूबसूरत लड़की उसे एक रिक्वेस्ट आती है। उसके पास एक मैसेज आता है। मैसेज आता है। राज का जो कि दुबई का रहने वाला होता है। वह बताता है। कि मैं मल्टीनेशनल कंपनी में काम करता हूं। और उस लडकी कि जो भाषा शैली थी ।


उसकी बोल चाल वो बिल्कुल अलग थी लेकिन गूगल ट्रांसलेट का सहारा लेकर वह दोनों आपस में एक दूसरे से बातचीत करना शुरू कर देते हैं। बातचीत का जो सिलसिला शुरू होता है। वह लड़का दुबई के बारे में बड़ी बड़ी अच्छी अच्छी बातें बताया करता था। यह बताया करता था कि कितनी सैलरी मिलती है?  उस पैसे से कितना लाभ ले रहा है? क्या क्या काम कर रहा है? उसने दुनिया के कौन कौन से मुल्क घूमें हैं? वह लडकी क्योंकि पूरी दुनिया से की पूरी तरह से अनजान थी। वह जानती नहीं थी। कि दुनिया कैसी दिखती है। दरअसल अगर हम भारत के और उज्बेकिस्तान की करंसी की बात करें। तो वहां के पाँच सौ सोम इनकी उज्बेकिस्तान में चलता है। और यहां पर रुपया होता है। 


वहां के पाँच सौ और हमारे तीन रुपए उनतालीस पैसे कुछ बराबर बैठेंगे। आप इसी बात से सहज अंदाजा लगा सकते हैं। कि भारत और उज्बेकिस्तान की कितना अंतर है। अगर फिर हम उज्बेकिस्तान और दुबई में अंतर करने लगे हैं। 


वह और भी ज्यादा गरीब हो जाता है। अगर यूएस डॉलर से उसका मुकाबला करने लगें तो यूएस डॉलर का एक और साथ ही उज्बेकिस्तान के जो पैसे अगर बराबर बराबर बंटवारा करते हैं। लेकिन राज जिस तरह की बातें बताया करता था। अफरोज को बातें उतनी ज्यादा पसंद आती थी। अफरोज अगेन बातचीत करते करते उसने कहा कि अफरोज तुम देखने में इतनी सुंदर हो तुम्हारी हाइट भी बहुत अच्छी, तुम फिल्मों में ट्राई करती हो इंडिया में तो वैसे भी फिल्मों में विदेशी लड़कियों को आस आराम से ले लेते हैं। जब अफरोज ने यह बात सुनी 


फिरोजा को लगा आश्चर्य की बात हो रही है। तब कहते हैं। कि मुझे छोटी सी नौकरी भी मिल जाए। तो मैं अपनी माँ की खिदमत कर लूंगी, क्योंकि मेरी माँ बहुत बीमार रहती है। और वैसे भी हम बहुत ज्यादा गरीब लोग हैं। 

तुम्हारे लिए दुबई में नौकरी का इंतजाम कर देता हूँ। बस तुम्हें थोड़ी सी डिटेल भेजनी अब उस लड़की ने अपनी डिटेल भेजी और जैसे


डिटेल भेजी उसने ऑनलाइन आवेदन किया ऑनलाइन आवेदन करने के बाद उज्बेकिस्तान के ही कुछ लोगों से संपर्क साधने के बाद उस लडकी का नया पासपोर्ट बनवा दिया गया


 पासपोर्ट के साथ साथ उसके दो भाई का एक भी दे दिया गया उससे कहा कि तुम्हारे पास में फ्लाइट की टिकट भेज रहा हूँ। इस फ्लाइट की टिकट को दिखाने के बाद तुम अपने यहां से सीधा जा सकती हो।

जैसे उस लड़की ने यह बात सुनी उसके लिए एक बहुत बड़ा सपना जैसा था। 


जिसकी उम्र लगभग उन्नीस साल के आसपास और उसका वीजा भी है। उसका पासपोर्ट भी उसके पास टिकिट भी हो चुका है। तो उसके लिए तो ऐसा लग रहा था। जैसे क्या सारे सपने उसके जो ही झटके में पूरे हो रहे हैं। अब उस लडकी ने यहां से सीधा फ्लाइट पकड़ी दुबई के लिए जाती है।



 जाने के बाद एक व्यक्ति उसका पहले से इंतजार कर रहा था। उसके फोटोग्राफ के साथ छोड़कर देखता है। व्यक्ति कहता है। कि तुम्हें मुझे बुलाने के लिए राज ने भेजा है। अब राज की बात सुनते ही खुश हो जाती है।


 उसके बाद फिर वह लड़का उसे लेकर सीधा एक फ्लाइट मैं बढ़ जाता है। और वह फ्लाइट दुबई से पहुंच जाती है। वहां से एयरपोर्ट से निकलते हैं। एयरपोर्ट से निकलने के बाद एक कार पहले से इंतजार कर रही थी। कार में जाते हैं। कार कुछ दूरी पर चलते हुए दो तीन चार किलोमीटर गाड़ी चलती है।


 उसके बाद एक नई कार मिलती है। उस कार मे कारण बैठ जाते हैं। अब वह नई कार वहां से बदल जाती है । तीसरी बार मिलती है। तीसरे कार भी कुछ दूर चलते वह छूट जाती है। आगे चलते हैं। तो एक टेम्पो मिलता है। बैठे जाता है। इस तरह से दो टेम्पो बदल जाते हैं। और टैंपो से बदलने के बाद फिर एक बाईक क

मिलती हैं।


 बाइक पर बैठा हुआ एक लड़का उसका इंतजार कर रहा था। उस लड़की से बातचीत करता है। इसका फोटोग्राफ्स दिखाता है। उसका नाम बताता है।


इसी तरह से दो बाइक और बदली जाती हैं। एक अच्छे 

 होटल में से अब नेपाल का एक होटल होता है।


 अफरोज हाउस होटल में रुकती है। टीम ने लगातार वहां उसे अच्छे स्विंग पूल मैं स्विंग कराने के साथ साथ उस अच्छे खाना भी खिलाया जाता है। उसे लग रहा था। कि जिंदगी तो बहुत ही खूबसूरत है। लेकिन वह यह नहीं जानते थे।


अब दूसरा वायर पकड़ाता है। वह नेपाल का है। अब दूसरी जगह जा रहे अब नेपाल से सीधा वह बॉर्डर क्रॉस कर देती है। कि किसी तरकीब से बिहार ,बिहार से एक गाड़ी पकड़ कर ये सीधा नई दिल्ली की दस जनवरी दो हज़ार बाईस को नई दिल्ली में प्रवेश कर जाते हैं। और प्रवेश करने के बाद एक होटल में पर रहती है।


 वहां रहने के बाद पता चलता है। कि उसे तीन दिन लगातार बरतन मंजवाए जाते हैं। खाना बनवाया जाता है। और एक बच्चे की सेवा कराई जाती है। उसे लग रहा था। कि शायद यही नौकरी है। लेकिन यह नौकरी नहीं थी। अब यहां से निकलने के बाद एक नए होटल में जाते हैं। जहां जाने के बाद, वहा पांच लड़कियां पहले से थी। और पाँच  लड़की के पास कपडे होते हैं।


 उनके तन पर व अपेक्षाकृत कम होते हैं। देखने के बाद इस अफरोज के दिमाग में कुछ टेंशन बढ़ जाती है। तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं। कि अभी तक तो सब कुछ ठीक चल रहा था। लेकिन अब जिस दुनिया में ,जिस जगह, जिस कमरे में आई है। वहां पर पांच लड़कियां पहले से हैं। और उन्होंने अपेक्षाकृत कम कपड़े पहने हुए हैं। वह सोचने में मजबूर हो जाती है । और यहीं से एक कहानी शुरू होती है।



अफरोज को एक ऐसी महिला मिलती है। उस महिला के नाम होता है। अजजा शरद जी जो कि उज्बेकिस्तान कि उन्हें रहने वाली होती है। वह बोलचाल भी समझते थे। उज्बेकिस्तान के वहां के रहन सहन भी समझते थे। और उसने उससे कहा कि तुम्हें अब वेश्यावृति के धंधे में जाना है। तो में कुछ लोग मिलेंगे उन लोगों की खिदमत करने उन लोग जैसे कहते हैं। उनकी वैसी बात माननी हैं ,जो पैसा देते हैं। उसे अपने पास रखना



अब इस अफरोज ने इस बात का विरोध करना शुरू कर दिया। जैसे अफरोज विरोध करना शुरू किया। तब अजीज ने उसको बेहिसाब तरीके से मारा जितना पीट सकती थी। और जगह पीट रही थी। तभी एक वीडियो वीडियो रिकॉर्ड कर रहा था। कैमरे पर और रिकॉर्ड करता करतब वीडियो पूरी तरह से बन जाता है। और बनने के बाद उस वीडियो को कुछ टाइम बाद में रिलीज कर दिया था है।


 वायरल कर दिया था । अगर कोई लड़की हमारा विरोध करती है। हमारी बातें नहीं मानती तो उसको हम ऐसे ही मारते हैं. ऐसे ही पीटते हैं।

ताकि नई लड़कियां अगर विरोध करें, तो उनमें यह वीडियो दिखाया जा सके कि जिस तरह से अफरोज को पीटा गया है। वैसी तुम्हें पीटा जाएगा और उस लड़की ने सरेंडर कर दिया उसका जो पासपोर्ट उसका जो भेजा था। उसके जो डॉक्यूमेंट से वह सब छीन लिए जाते हैं । और यहां से उसकी कहानी में हर दिन या तो नया होटल होता था। या फिर एक फ्लैट होता था। होटल में 


करीब दस पंद्रह लोग आया करते थे। तो कभी जाकर से के साथ हर दिन नए लोगों के साथ बिस्तर पर जाती थी। उनकी खिदमत क्या करती थी। जैसा वो बोलते थे वैसा करती थी। और ऐसे करते करते महीने दर महीने बीतते चले जाते हैं। गुजरते चले जाते हैं। और ठीक जुलाई दो हज़ार बाईस को पुलिस की रेड पड़ती है। और पुलिस के रेड में पता चलता है। कि दस लडकियां विदेशी एक ही जगह पर हैं। पुलिस ने उन दस लड़कियों को गिरफ्तार किया गिरफ्तार करने के बाद उनके बारे में जानने की कोशिश की तब उनमें से पता चलता है।


  अफरोज दुबई के लिए अपने घर से निकली थी। अपनी मां की खिदमत करने के लिए बीमार मां का इलाज कराने के लिए बीमार मां को कुछ दवा दारू कराने के लिए उसके लिए उसके अच्छे हॉस्पिटल में उसका इलाज कराने के लिए


 

पता चलता है। कि उस बेटी की जिंदगी बद से बदतर हो चुकी है। पूरी तरह से नर्क हो चुकी है। अब इससे पहले कि वह कुछ कर पाते तो पता चलता है। कि उसका जो पासपोर्ट था। जो उसका भेजा था। उसके साथ डेट खत्म हो चुकी थी डेट पूरी नहीं थी। तो इस हिसाब से उस पर विदेशी नागरिक का किसी दूसरे देश में नियम के खिलाफ होना ही एक अपराध होता है। 


और मुकदमा दर्ज होता है। तो एक प्रक्रिया लंबे समय तक इंडिया के अंदर चलती रहती है। आसानी से किसी को न्याय नहीं मिल पाता। वह लडकी आज यहीं पर है। इंडिया में हैं।  अफरोज यही रहेगी लेकिन जैसे ही यह बात पुलिस को पता चलता है।


  आखिरकार अफरोज उज्बेकिस्तान से इंडिया आई कैसे? 


 पुलिस ने इस मामले की जांच पड़ताल करना शुरू कर दिया। पूर्वी दिल्ली की आईपीएस ऑफिसर डीएसपी अमृता गोगोई अब उन्होंने अमृता ने यह पता करने की कोशिश की कि आखिरकार यह जो अफरोज है। यह कैसे पहुंची? कहां से आई? क्या उसकी जानकारी है?कौन है? राज का पता करने की लगातार कोशिश करने लगी पुलिस


 उन्होंने दो सौ मोबाइल का की कॉल डिटेल खंगालने शुरू की और जहां जहां तक संपर्क बनाए हुए थे।


 मयूर विहार दिल्ली की पुलिस ने जब छापेमारी की  तो वहां आखिरकार अजीज अशआर जे जो कि तुर्कमेनिस्तान के रहने वाली होती है साथ ही उसका जो शौहर होता है उस शहर का नाम है शेयर गेट अफगान जो कि अफगानी होता है।


 जिसकी उम्र महज छब्बीस साल और बीवी की उम्र छत्तीस साल दोनों की उम्र में दस साल का अंतर होता है ।दोनों ही गोवा से गिरफ्तार के लिए में गिरफ्तार

करने के बाद पता चलता है कि वह इंडिया में ऐसी न जाने कितनी लड़कियों को लाते हैं और कितने ही लडकियों से वेश्यावृत्ति का धंधा कराते हैं और वैश्यावृति दंगा कराने के बाद जो लड़कियां जैसे वृद्धि करती भी हैं ।


तो उन्हें पैसे नहीं देते बल्कि उनके खाना मिल जाए तो यह भी अपने आप में बहुत बड़ी बात होती है जब एक पत्रकार ने इनमें से ही यानी के अफरोज से सवाल पूछा कि तुम चाहते क्या हो तुम्हारी ख्वाहिश क्या है। तब उसने रोते रोते कहा कि मैं अपनी माँ के हाथ का बना हुआ खाना खाना चाहती हूं ठीक वैसे ही जैसे वो मुझे बचपन में खिलाया करते थे मैं अपनी माँ से लिपट कर चिपट कर रोना चाहती हूं जैसे कि आपने दर्द का एहसास थोड़ा कम हो सके क्योंकि उसके साथ कई महीनों तक लगातार न जाने कितने लोगों ने बारी बारी से बलात्कार किया था।

निष्कर्ष

 दोस्तों इस पूरे घटनाक्रम को सोने का उद्देश्य किसी को परेशान करना नहीं है।

किसी का दिल दुखाना नहीं है बल्कि आपको बताना है को जताना है कि जिस तरह से सोशल मीडिया की दुनिया में ये फरेब के दुनिया भी है इसमें कुछ न कुछ ऐसी भी बातें भी हैं कि जो सपने दिखाकर तुम्हारी जिंदगी को पूरी तरह से बर्बाद कर सकते हैं जैसे अफरोज की जिंदगी बर्बाद कर देंगे इससे बचना है। सावधान रहना है।


 ताकि आप किसी चंगुल में फंस जाएं आप किसी लोभ लालच में न फंस पर एक अच्छी स्मूथ जिंदगी आप जी हैं हम इसी तरह के लिए आपको कहानी लेकर आते हैं ताकि आप लोग सचेत रहें जागरूक रहें  आप सब लोग अपना ख्याल रखें सुरक्षित रहें जय हिंद

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.